मार्च 2022 में, टाटा संस द्वारा एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के एक महीने बाद, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) जो अभी अडानी ग्रुपका है उन्होंने एक नोटिस जारी कर एयरलाइन के पास जितनी भी लैंड है उसको छोड़ने के लिए कहा, जिसमें 1,600 परिवारों के आवास वाली स्टाफ कॉलोनियां भी शामिल है।
एमआईएएल के प्रवक्ता के अनुसार, हवाईअड्डे की पुनर्विकास योजना के अंतर्गत डिमोलिसन किया जाएगा, पूर्व एयर इंडिया की होल्डिंग कंपनी एआईएएचएल द्वारा कानूनी प्रक्रियाओं और अनुमतियों का पालन किया गया जाएगा।
जबकि 20 निर्जन ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया था, निवासियों ने इस कदम का विरोध किया और डिमोलिसन को रोकने के लिए बहस छिड़ी हुई है।
ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय लज़ार ने पुलिस के हस्तक्षेप की सूचना दी और सोशल मीडिया पर इसके बारे में पोस्ट किया।
निवासियों ने 13 फरवरी को अगली सुनवाई तक सुरक्षा प्रदान करने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश पेश करके अस्थायी रूप से डिमोलिसन को रोकने में कामयाबी हासिल की। पुनर्विकास में शामिल अदानी समूह ने आवश्यक अनुमतियों के साथ वापस लौटने का वादा किया है।
पुनर्विकास का उद्देश्य मुंबई हवाई अड्डे के विकास में योगदान करना है लेकिन प्रभावित निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। परियोजना में अडानी समूह की भूमिका ने विरोध और सोशल मीडिया पर आक्रोश के साथ विवाद को जन्म दिया है। इस परियोजना में 225 एकड़ भूमि में मॉल, होटल और ओफिसिस के साथ एक नए अदानी बीकेसी शहर का निर्माण शामिल है।
इसका सीधा फायदा अडानी ग्रुपको होगा।