आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समग्र भारतवर्ष में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट लागू कर दिया है। अमित शाह अपने भाषणों में कई बार CAA के बारे में बोल चुके हैं।
CAA से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से 2014 से पहले आने वालेआने वाले अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, जैन, सिख, पारसी, बौद्ध लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
साल 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने यह एक्ट में संशोधन किया था। इस के तहत 2014 से पहले आए हुए विस्थापितों को CAA की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और सरकारी कार्य पद्धति के अनुसार उनको नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता देने का अधिकार सरकार के हाथों में होगा।
मुस्लिम बहुल देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर जिन हिंदू, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध धर्म के लोग भारतमे पनाह लिए हुए हैं उनको नागरिकता देने का यह एक्ट एक सराहनीय कदम है।
यह एक्ट में भारत में लंबे समय से रहते हुए शरणार्थियों को एक आशा की किरण दिख रही है। 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक 1000 से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई है।
सरकार ने भारतीय नागरिकों को स्पष्ट बता दिया है कि यह एक्ट नागरिकता देने के लिए है ना ही किसी की नागरिकता छीन ने के लिए। यह एक्ट में किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है।
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